डीसी ने किसान जागरूकता वैन को दिखाई हरी झंडी

पीएम फसल बीमा योजना बारे जिला के विभिन्न ब्लाॅकों में किसानों को किया जाएगा जागरूक
ऊना । आजादी के अमृत महोत्सव के तहत तीसरे फसल बीमा सप्ताह के उपलक्ष्य में आज उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने जिला मुख्यालय से किसान जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह किसान जागरूकता वैन 7 जुलाई तक ऊना के विभिन्न गांवों का दौरा कर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बारे जानकारी प्रदान करेगी। राघव शर्मा ने बताया कि किसान जागरूकता वैन आज ऊना जिला के ऊना, मैहतपुर, रायपुर सहोड़ां, संतोषगढ़, टाहलीवाल, दुलैहड़, हरोली, घालूवाल, झलेड़ा, बसाल, बाबा रूद्रानंद, कुरियाला, बरनोह, समूर, जोगीपंगा, सासन, मंदली, बीहडू व रायपुर में लोगों को फसल बीमा योजना बारे जागरूक करेगी। इसके अलावा 2 जुलाई को थानाकलां, बंगाणा, तलमेहड़ा, जोल, बडूही, अंब, गगरेट, ईसपुर, पंडोगा, सलोह व भदसाली में लोगों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बारे जानकारी दी जाएगी।
राघव शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत साल में दो बार खरीफ और रबी मौसम की मुख्य फसलें जैसे मक्की, धान एवं गेहूं का बीमा किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसान मक्की और धान की फसल का बीमा 15 जुलाई तक करवा सकते हैं। इस योजना के तहत किसान की ओर से देय प्रीमियम की राशि 24 रूपये प्रति कनाल है एवं बीमित राशि 1200 रूपये प्रति कनाल है। उन्होंने बताय कि जिन किसानों के कृषि कार्ड बने है, उनकी फसलों का बीमा स्वतः संबंधित बैकों के माध्यम से किया जाता है। लेकिन जिन लोगों के कृषि कार्ड नहीं बने है वे अपनी फसलों का बीमा किसी भी नजदीकी लोकमित्र केंद्र के माध्यम से करवा सकते हैं, जिसके लिए आधार कार्ड, जमाबंदी, बैंक पासबुक, मोबाईल नंबर, फसल बुवाई घोषणा पत्र आदि दस्तावेज अनिवार्य है।
डीसी ने बताया कि फसलों को होने वाले नुक्सान की जानकारी 72 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 1800-116-515 व दूरभाष नंबर 0172-2538046 अथवा ईमेल तवण्बींदकपहंती/ंपबवपिदकपंण्बवउ  पर दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को जिला ऊना में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी आॅफ इंडिया लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस अवसर पर उप निदेशक कृषि कुलभूषण धीमान, जिला कृषि अधिकारी डाॅ रमेश लाल, एग्रीकल्चर इंशोरेंस कंपनी के प्रतिनिधि कैप्टन मोहन कुमार व अंकित कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।

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