अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 2025 के लिए 332 देवी-देवताओं को दशहरा समिति के द्वारा निमंत्रण पत्र भेजे
कुल्लू
2 से 8 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के लिए प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां आरम्भ कर दी है । देवी देवताओं के इस महाकुंभ के लिए 332 देवी-देवताओं को दशहरा समिति के द्वारा निमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त एवं अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव समिति की उपाध्यक्ष तोरूल एस रवीश ने बताया कि कुल्लू का अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव इस जनपद के देवी देवताओं के समागम के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह उत्सव यहाँ के लोगों आस्था एवं परम्पराओं से जड़ा हुआ है। हर वर्ष की भांति अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 2025 के लिए निमंत्रण समिति ने आनी-निरमंड जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के देवी-देवताओं सहित कुल्लू, मनाली, सैंज और बंजार क्षेत्र के देवताओं को भी निमंत्रण पत्र भेज दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू की विभिन्न घाटियों से ये देवी-देवता दशहरा उत्सव में शामिल होने आते हैं। कुल्लू जिले के रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज मंदिर वाले समस्त देवी-देवता को दशहरा समिति द्वारा निमंत्रण पत्र भेजा जाता है। यह निमंत्रण पत्र तहसीलदार के माध्यम से देवी-देवताओं के मंदिरों को भेजा जाता है। आमंत्रित देवी-देवताओं के ठहरने का स्थान बिजली, पानी और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था दशहरा कमेटी द्वारा की जाती है साथ ही, सरकार द्वारा तय नियमानुसार उन्हें नजराना भी भेंट किया जाता है। ठहरने के लिए टेंट उन्हें पहले ही उपलब्ध करवा दिए गए हैं। मनाली, आनी, और बंजार उपमंडल के कई देवी-देवता भी इस उत्सव में सम्मिलित होते हैं।
332 देवी-देवताओं को भेजा गया निमंत्रण
उन्होंने कहा कि इस बार दशहरा के लिए 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं । हर वर्ष निरंतर आने वाले सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जाता है। पिछले साल 315 देवी-देवता इस महाकुंभ में शामिल हुए थे । इस बार गत वर्ष की अपेक्षा अधिक देवी-देवता के शामिल होने की आशा है ।
देवी-देवताओं के लिए पुख्ता इंतजाम
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कुल्लू आने वाले सभी देवी-देवताओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। दशहरा में आने वाले देवी-देवता कुल्लू दशहरा में आने वाले सभी देवी-देवता ढालपुर मैदान और आसपास के चिन्हित स्थानों पर अस्थाई शिविरों में ठहरेंगे। 7 दिनों तक चलने वाले इस दशहरा उत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ भी ढालपुर में अस्थाई शिविर में रहकर उत्सव को सुशोभित करेंगे ।
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