लाहौल-स्पीति के धार्मिक स्थलों की विशिष्टताओं से मिल सकता है धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा-उपायुक्त
केलांग, 11 फरवरी- लाहौल- स्पीति के धार्मिक स्थल न केवल धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को समेटे हुए हैं बल्कि आध्यात्मिक शांति के केंद्र भी हैं।
उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने आज ये बात केलांग स्थित लाहौल के पुरातन व प्रसिद्ध शाशुर गोन्पा में शाक्सपा के आयोजन अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि शाक्सपा का आयोजन घाटी वासी जिस प्रयोजन के लिए करते हैं वह अपने आप में अद्भुत है। शाक्सपा का आयोजन प्रायश्चित के लिए किया जाता है। ताकि वर्ष भर जाने- अनजाने में की गई गलतियों को लेकर प्रायश्चित किया जा सके। इस आयोजन में स्थानीय महिलाएं और पुरुष शामिल होते हैं। आयोजन का शुभारंभ गोम्पा के लामाओं द्वारा धार्मिक पूजा- अर्चना के साथ किया। आयोजन को लाहौल में चल रहे स्नो फेस्टिवल की एक कड़ी के तौर पर भी मनाया गया।
उपायुक्त ने इस मौके पर कहा कि लाहौल- स्पीति न केवल अपने नैसर्गिक सौंदर्य और भौगोलिक विशिष्टताओं के लिए जानी जाती है बल्कि यहां के पुरातन मंदिर व गोम्पे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के परिचायक भी हैं जिसे वर्तमान पीढ़ी ने भी संजो कर रखा है।
उपायुक्त ने यह भी कहा कि आने वाले समय में एक कार्य योजना तैयार की जाएगी ताकि लाहौल को साहसिक और नैसर्गिक पर्यटन के अलावा धार्मिक पर्यटन के एक बेहतरीन डेस्टिनेशन के तौर पर देश- विदेश में पहचान मिल सके।
उन्होंने गोम्पा परिसर का अवलोकन किया और वहां उपलब्ध सुविधाओं के अलावा शाशुर गोम्पा के इतिहास और विशेषताओं से भी रुबरु हुए।
इससे पूर्व गोम्पा पहुंचने पर गोम्पा के लामा नवांग उपासक ने उपायुक्त का स्वागत किया।
इस मौके पर एसडीएम प्रिया नागटा, सहायक आयुक्त डॉ रोहित शर्मा, उप निदेशक नेहरु युवा केंद्र राम सिंह थामस और जिला लोक संपर्क अधिकारी रवि वर्मा भी मौजूद रहे।
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