शिक्षा विभाग में कार्यरत 778 अंशकालीन जलवाहकों की सेवाओं को नियमित किया गया: शिक्षा मंत्री
शिमला।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में कार्यरत 778 अंशकालिक जलवाहकों को नियमित किया है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2025 तक अंशकालिक जलवाहक और दैनिक वेतनभोगी के रूप में संयुक्त रूप से 11 वर्ष की सेवाएं पूरी कर ली थीं, को चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर इनकी सेवाओं को नियमित किया गया है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया है। वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों के प्रति संवदेनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें पूरा कर, लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता में आने के बाद शिक्षा क्षेत्र में अनके क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार हुआ है। राज्य सरकार विभिन्न श्रेणियों के रिक्त पदों को भर रही है और शिक्षकों के 15000 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें प्राथमिक शिक्षा विभाग में 3900 पद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से 3100 पद शीघ्र ही भरे जाएंगे। प्री-प्राइमरी शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए 6200 नर्सरी अध्यापकों की नियुक्ति की जा रही है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान शिक्षा क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई थी, लेकिन वर्तमान सरकार रिक्त पदों को भरकर शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रमुखता से कार्य कर रही है। प्रदेश भर के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत 200 से अधिक कार्यवाहक प्रधानाचार्यों की सेवाएं नियमित की गई हैं। इसके साथ ही उच्च शिक्षा विभाग में 483 सहायक प्रोफैसर की भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले अढ़ाई वर्षों के दौरान स्कूलों में 700 लैक्चरर की नियुक्ति की है, जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान केवल 511 लैक्चरर की नियुक्ति की थी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की रैंकिंग में भी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि जनवरी, 2025 में जारी हुई वार्षिक शिक्षा रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के पढ़ने का स्तर देश भर में सर्वश्रेष्ठ है। इस सर्वेक्षण के अधिकांश मापदंडों पर हिमाचल प्रदेश को स्कूली शिक्षा में देशभर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य आंका गया है।
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