बिलासपुर 4 जून- पहली जुलाई से जिले में पूरी तरह बंद हो जाएगा सिंगल यूज प्लास्टिक -पंकज राय, उपायुक्त बिलासपुर भारत सरकार का प्लास्टिक अपशिष्ट संशोधन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम
बिलासपुर, 04 जूनः जिले में पहली जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा। इस संबंध में भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 12 अगस्त, 2021 को अधिसूचना संख्या जी. एस. आर. 571 (ई) जारी की है।
उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय ने कहा कि इस आदेश के अनुसार दुकानदार, विक्रेता, थोक व्यापारी, खुदरा विक्रेता, फेरीवाले व रेहड़ी वालों सहित कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के एक बार उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक कटलरी को न बेचेंगे और न ही उपयोग करेंगे।
राज्य सरकार द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट पदार्थों के कारण होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
सिंगल यूज में ये चीजें हैं शामिल
इस अधिसूचना के अनुसार पहचान किए गए एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को 1 जुलाई से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा। सिंगल यूज की जाने वाली वस्तुओं में प्लास्टिक की छड़ियों के साथ कान की कलियां, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आईसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पॉलीस्टायरीन, प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के बक्से, आमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पी. वी. सी. बैनर 100 माइक्रोन से कम की वस्तुओं को श्रेणीबद्ध किया गया है।
व्यापारी 30 जून तक समाप्त करें स्टॉक
उपायुक्त पंकज राय ने कहा कि यह नोटिस सभी उत्पादकों, स्टॉकिस्टों, खुदरा विक्रेताओं, दुकानदारों, ई-कॉमर्स कंपनियों, स्ट्रीट वैंडरों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, प्लेस, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा हाऊस, पर्यटन स्थल, स्कूल, कालेजों, कार्यालय परिसरों, अस्पतालों, अन्य संस्थानों और आम जनता को उक्त एम.ओ.ई.एफ. एंड सी.सी. अधिसूचना में निर्दिष्ट समय सीमा के अनुसार पहचान की गई एस.यू. पी. वस्तुओं के उत्पादन, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग को रोकने के लिए जारी किया जाता है, ताकि वे अपना भंडारण 30 जून तक समाप्त कर लें।
उपायुक्त ने बताया कि पहली जुलाई 2022 से जिला बिलासपुर में इस प्रकार की वस्तुओं की बिक्री अथवा उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा और उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत कार्रवाई जिसमें माल की जब्ती, पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली, उद्योगों/ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के संचालन को बंद करने का प्रावधान है।
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