आपदाओं के कहर का नुकसान कम करना चुनौती, जुआरे बताएगा कैसे बचें

 

विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला में एक साथ 200 से अधिक स्कूलों में होगा जुआरे का प्रदर्शन

जागरूकता से जुड़ी अनूठी पहल स्थापित करेगी विश्व रिकार्ड

 

कुल्लू 2 मई।

प्राकृतिक और मानवीय आपदाएं कहर बरपाती हैंजान माल का नुकसान करती हैं और कई बार जीवन भर का दर्द दे जाती हैं। इन आपदाओं से होने वाले नुकसान को रोकना अधिकतर इंसान के वश में नहीं रहतालेकिन आपदा के समय जागरूकता और समझदारी इस नुकसान को कम जरूर कर सकती है। समाज आपदाओं पर जागरूक होआपदा से बचने के लिए सजग हो और इससे होने वाला नुकसान न के बराबर हो इसको लेकर जिला प्रशासन एक अनूठा प्रयास करने जा रहा है। ये प्रयास है जुआरे नाटक। जूआरे एक शानदार नाटकीय विधा है जिसमें आपदाओं से निपटने के तौर-तरीकों को बेहद प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

 

5 जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर समाज का प्रत्येक व्यक्ति जूआरे को देखें और जानें ताकि वह किसी भी प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित आपदा से सुरक्षित रह सके। जूआरे में आगजनी की घटनाएंभूकम्पभूस्खलनबादल फटना जैसी घटनाओं में बचाव के बारे में लोगों को प्रभावी ढंग से जागरूक करने का प्रयास है। जिला उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना कि 40 मिनट का जुआरे नाटक नगर निगम शिमला द्वारा निर्मित नाटक बुआरे पर आधारित है और इसका निर्देशन नीतीश द्वारा आकर्षक ढंग से किया है जिसे सभी लोग पसंद करेंगे।

 

उपायुक्त का कहना है कि जूआरे मंचन का उद्देश्य स्थानीय लोगों को आपदाओं के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा स्थानीय स्तर पर कौन से संसाधनों का प्रयोग किया जा सकता हैइसके बारे में जानकारी व जागरूकता प्रदान करना है। इसके अलावाप्रत्येक पंचायत में स्कूल स्तर के बच्चों द्वारा संसाधनों की सूची तैयार करना है जो आपदा के दौरान उपयोग में लाए जा सकते हैं। स्थानीय क्षेत्र किन-किन आपदाओं के लिए संवेदनशील हैइसका मैप भी तैयार करवाना जूआरे का उद्देश्य है।

 

स्थानीय लोगों की स्थानीय तौर पर एक सिविल डिफेंस फोर्स तैयार करना भी इसका उद्देश्य है। स्थानीय कार्यबल को समय-समय पर प्रशिक्षण के माध्यम से उनका क्षमता निर्माण किया जाएगा। जिला की 235 ग्राम पंचायतों और 6  नागरिक इकाइयों के श्रोताओं के समक्ष एक ही दिन एक ही समय पर जूआरे के मंचन के लिए प्रशिक्षित अध्यापक नाटक मण्डली के निदेशक के तौर पर कार्य करेंगे। जूआरे को यू-ट्यूब पर भी अपलोड किया गया है। जूआरे का मंचन आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जिला कुल्लू के  लगभग 25000 नागरिकों को एक साथ प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

 

जुआरे कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के लिए उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने इनाम की घोषणा की है। जिस पंचायत से सबसे अधिक मात्रा में लोग 5 जून को नज़दीकी स्कूल या स्कूलों में भाग लेंगे,  उस पंचायत को जुआरे सामुदायिक भवन के निर्माण करने हेतु  5 लाख का इनाम पुरस्कार के तौर पर दिया जाएगा। इसके अलावा जिस स्कूल के छात्र अपने इलाके का सबसे उम्दा हजार्ड एंड रिसोर्स मैप बनाएंगे उस स्कूल की टीम को 10 हजार नकद इनाम दिया जाएगा। 5 जून को कुल्लू जिले के 200 से अधिक स्कूलों में,  छात्रों द्वारा हास्य-नाटक एवं हजार्ड एंड रिसोर्स मैप के माध्यम से दोस्तोंपड़ोसियों और परिवारों को महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। इस कार्यक्रम में सभी स्थानीय लोग नज़दीकी स्कूल में 5 जून को (जो कि छुट्टी का दिन है),  सुबह 11 बजे पहुँच कर भाग ले सकते है।

 

 

एक अनोखा रिकॉर्ड कायम करने का प्रयास

आपदाओं से नुकसान को कम करने तथा आपदाओं के बारे में जानने से जुड़ा जूआरे एक दिन में जिला के सैंकड़ों स्थानों पर प्रदर्शित कर रिकार्ड कायम करने का एक प्रयास रहेगा। जूआरे का प्रदर्शन पंचायत घरसामुदायिक भवनस्कूल अथवा किसी अन्य खुले स्थान पर किया जाएगा जहां अधिक से अधिक लोग नाटक के साक्षी बनें क्योंकि आपदा का कोई समय नहीं होता। आम लोग जितने सजग होंगे आपदा को हम सभी मिलकर उतना ही कम कर सकते हैं।

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