वर्ष भर बनेंगे हिमकेयर कार्ड
शिमला।
प्रदेश सरकार द्वारा मरीजों के लिए हिमकेयर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है जिससे प्रदेश के 5.80 लाख लोगों कोे उपचार प्रदान करने में लगभग 810 करोड़ रुपये व्यय किए हैं। हाल ही में, सरकार ने हिमकेयर कार्ड बनाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करके हिमकेयर योजना को और सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। नई नीति के अनुसार, हिमकेयर कार्ड हर साल प्रत्येक तिमाही मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर माह में बनाए जाएंगे।
स्वास्थ्य क्षेत्र में इन कार्डों के महत्व के दृष्टिगत विशेष रूप से गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए, सरकार ने मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपलों और चिकित्सा अधीक्षकों को विशेष परिस्थितियों में पूरे वर्ष में किसी भी समय हिमकेयर कार्ड बनाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। इन श्रेणियों में आने वाले परिवारों के लिए हिमकेयर कार्ड वर्ष में किसी भी समय बनाए जा सकते हैं। यह निर्णय जुलाई, 2025 के बाद लागू होगा। यह पोर्टल जुलाई माह में खुला है और लोग इस महीने के दौरान कभी भी हिमकेयर कार्ड बना सकते हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में दुर्घटना पीड़ितों को निःशुल्क उपचार प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। सरकार के इस कदम से दुर्घटना पीड़ितों को समय पर, गुणवत्तापूर्ण और मुफ्त उपचार मिल सकेगा और इसके लिए पैसे, बिल क्लीयरेंस या किसी रिश्तेदार के आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह निर्णय दुर्घटना में घायल हुए लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्ड एक वर्ष के लिए वैध रहेंगे और आवेदन करने के लिए पोर्टल प्रत्येक तीन माह बाद खोला जाएगा। पोर्टल हर वर्ष मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर में प्रत्येक तिमाही में एक माह के लिए खुला रहेगा।
लोग पूरे वर्ष हिमकेयर कार्ड का नवीनीकरण भी करवा सकेंगे। यदि लाभार्थी नीति के अनुसार समय पर कार्ड का नवीनीकरण करवाने में विफल रहता है और उसका कार्ड समाप्त हो जाता है, तो नई नीति के अनुसार समाप्त हो चुके कार्ड का नवीनीकरण मार्च, जून, सितम्बर और दिसम्बर में किया जा सकेगा।
प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय पात्र लाभार्थियों के चयन को सुनियोजित करने और लोगों को निर्बाध, निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए समय पर अपने कार्ड का नवीनीकरण करवाने के लिए लिया गया है। हिमकेयर कार्ड बीपीएल, मनरेगा, रेहड़ी-फड़ी वालों, अनाथों और जेल के कैदियों सहित विभिन्न वर्गों के लिए निःशुल्क बनाया जाता है। एकल महिलाओं, अनुबंध व आउटसोर्स कर्मचारियों, 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगजनों, मिड-डे-मील वर्करों, अंशकालिक श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों से इन कार्डों के लिए 365 रुपये लिए जाते हैं। शेष पात्र वर्गों से 1,000 रुपये शुल्क लिया जाता है।
प्रदेश में 5.26 लाख हिमकेयर कार्ड धारक परिवार हैं। इस कार्ड के तहत एक परिवार के अधिकतम पांच सदस्यों को कवर किया जाता है। हिमकेयर योजना के तहत कुल 3,227 बीमारियों का निःशुल्क उपचार किया जाता है। प्रदेश सरकार के 136 स्वास्थ्य संस्थान, जिनमें पीजीआई चंडीगढ़, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल चंडीगढ़ और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (टाटा मेमोरियल सेंटर), न्यू चंडीगढ़ हिमकेयर लाभार्थियों को निःशुल्क उपचार प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा, प्रदेश में कार्यरत सभी निजी संस्थानों में हिमकेयर योजना के तहत डायलिसिस सेवाएं निःशुल्क दी जा रही हैं।
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