शिमला।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज शिमला में जय हिन्द सभा को संबोधित करते हुए देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके परिजनों और पूर्व सैनिकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की गौरवगाथा हमारे इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है, यहां के वीर जवानों ने देश की सेवा और सुरक्षा के लिए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया है। प्रदेश के बहादुर सैनिकों को अब तक कुल 1203 वीरता पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें चार परमवीर चक्र, दो अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 25 कीर्ति चक्र, 57 वीर चक्र और 99 शौर्य चक्र शामिल हैं। यह प्रदेशवासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।
उप-मुख्यमंत्री ने मेजर सोमनाथ शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, कैप्टन विक्रम बत्रा और सूबेदार मेजर संजय कुमार जैसे वीर जवानों के योगदान को स्मरण किया, जिन्हें उनकी वीरता के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि इन बहादुर सैनिकों की गाथाएं आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और बलिदान की प्रेरणा देती रहेंगी।
इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में शहीद हुए वीर सैनिकों को भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ऊना जिला के बंगाणा निवासी नायक दिलवर खान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है, जो 23 जुलाई, 2024 को कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। किन्नौर के तरांडा गांव के हवलदार रोहित कुमार नेगी को मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा गया, जो 8 अक्तूबर, 2023 को हिमस्खलन की चपेट में आकर वीरगति को प्राप्त हुए थे।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में 22 मई को थुन, कांगड़ा के अग्निवीर नवीन कुमार कारगिल के द्रास सेक्टर में तथा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शाहपुर, कांगड़ा निवासी सूबेदार मेजर पवन कुमार पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए।
उन्होंने हरोली विधानसभा के बाथू गांव के बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर व्यास देव और छेत्रा गांव के गुरनाम सिंह के घायल होने की जानकारी देते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला समझौते की ऐतिहासिक भूमिका पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि 2 जुलाई, 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच जो निर्णायक समझौता हुआ था, उसमें यह तय हुआ था कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाया जाएगा और तीसरे देश की कोई दखलअंदाजी स्वीकार्य नहीं होगी।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के सम्मान और उनके परिवारजनों के कल्याण के लिए राज्य सरकार सदैव प्रतिबद्ध रहेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने अपने संबोधन में 1971 के युद्ध को याद करते हुए कहा कि वह युद्ध के दौरान स्वयं लोंगेवाला क्षेत्र में तैनात रहे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने हमेशा सैनिकों का मनोबल बढ़ाया, जिससे युद्ध में भारतीय सेना की ऐतिहासिक जीत हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा सेना के पराक्रम और शौर्य पर हम सभी को गर्व है।
इससे पहले, शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।
इस अवसर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, कृषि मंत्री चन्द्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, डिप्टी चीफ व्हिप केवल सिंह पठानिया, विधायक, पूर्व मंत्री, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमाचल कांग्रेस के सह-प्रभारी विदित चौधरी व चेतन चौहान, मेजर जनरल डीवीएस राणा, कर्नल बीसी लगवाल, लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस अत्री, विभिन्न बोर्डों व निगमों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।