वायरल हेपेटाइटिस से बचने के लिए समाज को जागरूक होना अति आवश्यक है

बिलासपुर ।    मुख्य  चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि     वायरल हेपेटाइटिस मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है एक तो संक्रामक हेपेटाइटिस और दूसरा रक्त रंजित हेपेटाइटिस। संक्रामक हेपेटाइटिस भोजन और पानी से  फैलता है।    वायरल हेपेटाइटिस से बचने के लिए समाज को जागरूक होना अति आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि   हेपेटाइटिस  विश्व भर के विकासशील देशों की सबसे बड़ी समस्या है। विश्व में प्रतिवर्ष 1 .3 मिलियन  लोगों की मृत्यु  हेपेटाइटिस के कारण हो जाती है। वायरल हेपेटाइटिस बी  के कारण  भारत के कुछ राज्यों में यह बीमारी बहुत ज्यादा होती है अधिकतर मामलों में या लीवर में किसी चोट के कारण होती हैं हेपेटाइटिस बी खतरनाक बीमारी है जिसकी वजह से लिवर कैंसर भी हो सकता है।  डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार  हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत  इस गंभीर बीमारी की वजह से हो जाती है।
उन्होंने   हेपेटाइटिस के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि  अगर किसी व्यक्ति  को पीले रंग की त्वचा होना, आंखें पीली होना, उल्टियां आना, पेट में दर्द और बुखार हो सकता । हेपेटाइटिस बी में व्यक्ति की आंखें पीली पेट में दर्द ,पेशाब का रंग गहरा दिखाई देता है। इसी प्रकार हेपेटाइटिस   सी में व्यक्ति में थकान ,उल्टी होना भूख न लगना और आंखों और त्वचा का पीला होना हेपेटाइटिस  सी के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति में इस प्रकार के  लक्षण दिखाई दे तो वह अपनी नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में तुरन्त जांच करवायें।  हेपेटाइटिस का इलाज आसानी से उपलब्ध  है। हेपेटाइटिस बी की वजह से लिवर सिरोसिस का खतरा होता है अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए तो इलाज संभव है। उनहोंने बताया कि लीवर सिरोसिस होने पर लीवर प्रत्यारोपण  ही एकमात्र इलाज है। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस सी  भी बी की तरह ही खतरनाक होता है लीवर सिरोसिस  लीवर कैंसर का खतरा इसमें भी बना रहता है हेपेटाइटिस सी का इलाज संभव है हेपेटाइटिस सी ज्यादातर रक्त संक्रमण की वजह से फैलता है  समय पर इसकी पहचान की जाए तो इलाज हो सकता है।
डा0 प्रवीण ने कहा कि इस रोग से बचने के लिए लोगों को  साफ भोजन व साफ पानी का प्रयोग  और टीकाकरण  के समय डिस्पोजेबल सिरिंज का प्रयोग करना चाहिए ताकि हेपेटाइटिस रोग ना फैले। छोटे बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका  उप स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क  लगाया जाता है।